Tuesday, March 28, 2023

जेल भरना आज आसां इतना कि एक खेल है

जेल भरना आज आसां इतना कि एक खेल है 

काम करना था जिन्हें बस भर रहे अब जेल हैं


कौम कहती थी जिन्हें कि आप हैं अच्छे आदमी

खो बैठे विश्वास उनका, हो गए अझेल हैं


विनाशकाले विपरीत बुद्धि हो गई चरितार्थ है

योग-ध्यान करने वाले लग रहे अनवेल है


दीप लेकर जो भी ढूँढें तो न पाएँगे कोई आप सा

अब मगर सोचने पे आपने कर दिया कम्पेल है 


आग भी, पानी भी है, है इलाज सबका सामने

आज नहीं तो कल सभी को होना तो एक्सपेल है 


राहुल उपाध्याय । 28 मार्च 2023 । सिएटल 









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