प्रश्नों से उखड़े झांक रहे हैं बगलें दावेदार
इनसे कहो कि और करें ये काम ज़ोरदार
हाथों में जिनके शक्ति है दुनिया जहान की
उनको कहाँ ख़बर कहाँ है न्याय की दरकार
आती नहीं है बला कोई कर के फ़ोन कॉल
नज़रें रखें पैनी सदा, और रहें होशियार
माना तुझे धक्का लगा ठोकर से आज है
क़दमों को तू न बांध देख, चलने दे बार-बार
शिकवा किए बिना जो जी रहे हैं आदमी
सुखी भी हैं, दुखी भी हैं, कहते हैं राज़दार
राहुल उपाध्याय । 21 मार्च 2023 । सिएटल
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