काग़ज़ पे कलम से लिखा
तो कहने लगे मेहनत है
वही काम फ़ोन पे किया
तो कहने लगे लानत है
कैमरे से फ़ोटो खींचे
तो कहने लगे मेहनत है
वही काम फ़ोन पे किया
तो कहने लगे लानत है
क्लासरूम में पढ़ने गया
तो कहने लगे मेहनत है
वही काम फ़ोन पे किया
तो कहने लगे लानत है
लोगों से मिल के आया
तो कहने लगे मेहनत है
वही काम फ़ोन पे किया
तो कहने लगे लानत है
लायब्रेरी में बैठ गया
तो कहने लगे मेहनत है
वही काम फ़ोन पे किया
तो कहने लगे लानत है
हर काम को ग़लत समझना
ग़लत, सरासर ग़लत है
फ़ोन बिचारा एक उपकरण
उससे क्या खुंदक है?
राहुल उपाध्याय । 24 मार्च 2023 । सिएटल
3 comments:
गुढ़ विचार का सुन्दर प्रतिफल
शुभकामनाएँ
सुन्दर प्रस्तुति
सही बात ,सभी अपनी अपनी जगह सही है ।
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