करना है तुमसे प्यार मुझे यार हर घड़ी
तुमसे ही है वजूद मेरा, तुमसे ही ज़िन्दगी
तेरे बग़ैर ज़िन्दगी तो ज़िंदगी नहीं
सूरज कहाँ से ला के दे आँखों को रोशनी
दिल को तो बस तलब है तेरे ही प्यार की
जबसे मिला हूँ तुमसे मुझे होश ही नहीं
जाऊँ कहाँ, पाऊँ किसे, ग़ायब है चाह भी
मुझको मिली खुशी जो जन्नत के पास थी
जलवे जहान-ए-हुस्न में बेशक हज़ार हैं
मुझको तो सिर्फ़ तुमसे, तुमसे प्यार है
पाऊँ जो साथ तेरा तो दे दूँ मैं जान भी
राहुल उपाध्याय । 16 मार्च 2023 । सिएटल
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