अमरीका में हम आए हैं तो सब सहना ही पड़ेगा
उम्मीदवार हैं अगर ट्रम्प तो उन्हें झेलना ही पड़ेगा
ट्विटर हो या फ़ेसबुक हो या चैनल हो कोई भी
अख़बार हो या ब्लॉग हो या स्टेशन हो कोई भी
हर जगह इनकी बकवास को सुनना ही पड़ेगा
भारत भी अगर जाएँ तो वहाँ चैन कहाँ है
यहाँ सेर हैं तो वहाँ भी सवा-सेर जमा हैं
आए दिन किसी न किसी से उलझना ही पड़ेगा
दो दिन की है हुकूमत, है अगर दो दिन की जवानी
आनी है, और जानी है, जैसे पत्तों पे पानी
कोई कितना ही उछले आज, कल उतरना ही पड़ेगा
कर्मों का है ये खेल, है ये कर्मों की कहानी
जुग-जुग से सुनते आए हम संतों की ज़ुबानी
जो जैसा करेगा, उसे वैसा भुगतना ही पड़ेगा
करें सत्कर्म, सँवारें ये जीवन जितना भी बचा है
कौन हारेगा, कौन जीतेगा, ये किसको पता है
ये हारना, ये जीतना, एक दिन भूलना ही पड़ेगा
(शकील बदायूनी से क्षमायाचना सहित)
15 जुलाई 2016
सिएटल | 425-445-0827
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