Friday, March 24, 2023

काग़ज़ पे क़लम से लिखा

काग़ज़ पे कलम से लिखा 

तो कहने लगे मेहनत है

वही काम फ़ोन पे किया

तो कहने लगे लानत है


कैमरे से फ़ोटो खींचे 

तो कहने लगे मेहनत है

वही काम फ़ोन पे किया

तो कहने लगे लानत है


क्लासरूम में पढ़ने गया 

तो कहने लगे मेहनत है

वही काम फ़ोन पे किया

तो कहने लगे लानत है


लोगों से मिल के आया 

तो कहने लगे मेहनत है

वही काम फ़ोन पे किया

तो कहने लगे लानत है


लायब्रेरी में बैठ गया

तो कहने लगे मेहनत है

वही काम फ़ोन पे किया

तो कहने लगे लानत है


हर काम को ग़लत समझना

ग़लत, सरासर ग़लत है 

फ़ोन बिचारा एक उपकरण 

उससे क्या खुंदक है?


राहुल उपाध्याय । 24 मार्च 2023 । सिएटल 

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


3 comments:

सधु चन्द्र said...

गुढ़ विचार का सुन्दर प्रतिफल
शुभकामनाएँ

Onkar said...

सुन्दर प्रस्तुति

दीपक कुमार भानरे said...

सही बात ,सभी अपनी अपनी जगह सही है ।