Thursday, March 30, 2023

हम हैं वो निराले

हम हैं वो निराले 

पा के जो निवाले 

कर ले उसकी ग़ुलामी

साध ले चुप्पी सारे


प्यार-मोहब्बत के वादे

सुनते हम रोज़ आए

सच जो होंगे कभी ना

फिर भी सुनते ही जाए


है सभी कुछ जहां में

ज़ुल्म भी, दुख भी है

क्या करे जब कोई 

हार कर ही सुखी है


अब तो बर्बादियों का

एक ताँता लगा है

जिसने जो कहना चाहा

उल्टा उसपे पड़ा है


राहुल उपाध्याय । 30 मार्च 2023 । सिएटल 



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