Tuesday, May 30, 2023

एक शहंशाह ने

एक शहंशाह ने ठुकरा के हमारी पूँजी 

हम ग़रीबों की मेहनत को तिलांजलि दी है 

इसके बारे में सदा ज़ुल्म के चर्चे होंगे

खत्म जो हो ना सकेगी वो कहानी दी है


ताज वो चीज़ है जो इंसान को 

इंसान की इंसानियत ही भुला देती है 

वो जो अच्छा भला इक संत सा दिखता था

उसको पल भर में हैवान बना देती है 

कभी न भूल सकेंगे वो निशानी दी है 


कहाँ तो तय था कि सबको साथ रखेंगे 

दुख इसका, दुख उसका, सबका हिसाब रखेंगे 

सिर्फ़ अपने ही मज़हब को ध्यान में रख कर

देश में सांप्रदायिक तत्वों को न बढ़ावा देंगे

क्या पता क्यों सूखी लकड़ी को अग्नि दी है 


है धर्म घर में सुरक्षित, मन्दिरों में भी है

उसे संसद में, संस्थानों में लाना क्यूँ है?

आय आय टी, एयरपोर्ट पर क्या अब हवन होंगे?

हर जगह धर्म का कलेवर चढ़ाना क्यूँ है?

न जाने कौन सी इस देश को ये गति दी है 


(शकील बदायूनी से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 30 मई 2023 । सिएटल 

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