Tuesday, May 16, 2023

वह दारू पीती है

वह दारू पीती है 

सिगरेट पीती है 

मुझे उससे कोई दिक़्क़त नहीं 

बल्कि ख़ुशी है कि वह सही मायनों में

आज़ाद है


वह भाषा की खिचड़ी पकाती है 

व्याकरण का जियोग्राफ़िया बिगाड़ती है

वर्डल का हल मैं करूँ उससे पहले बता देती है 

मुझे उससे कोई दिक़्क़त नहीं 

बल्कि ख़ुशी है कि वह नियमों को 

तिलांजलि देती है 


वह तर्क-कुतर्क करती है 

मुझे मेरी कमियाँ बताती है 

मुझे उससे कोई दिक़्क़त नहीं 

बल्कि ख़ुशी है कि कोई तो है 

जो मेरे बारे में सोचता है 


मुझे किसी से कोई दिक़्क़त नहीं है 

क्योंकि उनसे मेरा कोई रिश्ता नहीं है

हम सब अपने-अपने घरों में आज़ाद हैं

एक छत के नीचे होते तो

दिक्कत हो जाती


राहुल उपाध्याय । 16 मई 2023 । सिएटल 

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