Thursday, May 4, 2023

इस पेड़ को मैंने कभी

इस पेड़ को मैंने कभी

साबुन रगड़ कर नहाते नहीं देखा

शायद इसीलिए मजबूत है


बारिश से बचता नहीं 

रात से डरता नहीं 

पत्ते झड़े तो बिलखता नहीं 

शाख़ टूटे तो कलपता नहीं 

मंदिर में जा के झुकता नहीं 

हाथ किसी के आगे फैलाता नहीं 

फ़ैशन की परवाह नहीं 

पोशाक पहनता नहीं 

जो है, सामने है 

छुपता-छुपाता नहीं 

कभी फूल से लद जाए

कभी फल से

पर मोह किसी से रखता नहीं 


राहुल उपाध्याय । 4 मई 2023 । सिएटल 







इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: