Friday, June 13, 2008

खाली-पीली

मीठे रस वाली
अंगूर की डाली
बड़े जतन से
बोतल में डाली

आधी पी ली
आधी खाली
जितनी पी ली
उतनी खाली

मैंने तो बस पी थी खाली
बाकी की ये किसने खा ली?

ये कहाँ की मुसीबत मैंने पाली
क्या कहा?
नहीं नहीं
मैं हिंदी भाषी हूँ, न मैं नेपाली

भाषा की पोल
देते हैं हम खोल
समझ ना इसे
उड़ाना मखौल

सेन फ़्रांसिस्को,
2001

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: