Wednesday, June 4, 2008

H4 की पीड़ा

मेरा जीवन
तेरे एच-वन में
बंध के सड़ गया
जो लिखा था
जो पढ़ा था चूल्हे की
भेंट चढ़ गया

इक ग्रीन-कार्ड का वादा दे कर
किया घर से दूर
माँ-बहन से और वतन से
किया सब से दूर
छूट गए दोस्त सारे
सब बिछड़ गया
मेरा जीवन …

फ़टेहाल है तू फ़टीचर
मेरा न कुछ भी यहाँ
यूज़ड कार है यूज़ड फ़र्नीचर
नया न कुछ भी यहाँ
भगवान जाने किस कंजूस से
पाला पड़ गया
मेरा जीवन …

मन के अंदर थी उमंगें
मन में ही रह गई
पर कटी एक चिड़िया जैसी
घर में ही रह गई
हो गई संतान जल्दी
सब बिगड़ गया
मेरा जीवन …

सिएटल,
4 जून 2008
(एम जी हशमत से क्षमायाचना सहित)
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H-4 = H-4 Visa for the spouse of H-1 Visa holders
एच-वन = H-1 non-immigrant visa to work in US
यूज़ड कार = Used car; second hand car
यूज़ड फ़र्नीचर = Used furniture bought through garage sale or moving sale

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2 comments:

Anonymous said...

apki har kavita mujhe bahut acchi lagti hai.
renuka

Anonymous said...

phir wahi baat
phir wahi saugat
wahi ghisa-pita sa
idea bar bar

khud ka samay
aur dusro ka samay
yu barbad na kijiye
kuch naya vichar likhiye
kuch tarang paida kijiye
wahi ghisa pita nahi post kijiye

-- ek shubh-chintak