Friday, June 5, 2020

मैं तुम्हारे साथ हूँ

जब मैं ख़ुश होता हूँ
तब कोई क्यों नहीं कहता
मैं तुम्हारे साथ हूँ

क्या वे मुझसे जलते हैं?
कि कहीं साथ दे दिया
तो दिन दूनी रात चौगुनी 
सफलता की सीढ़ियाँ 
न चढ़ता जाए
और हम बुद्धु की तरह
देखते ही रह जाए

क्या किसी का 
साथ पाने के लिए
दुखी होना
आवश्यक है?

राहुल उपाध्याय । 5 जून 2020 । सिएटल

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intense
relationship


2 comments:

कविता रावत said...

मेरे हिसाब से नेक काम करने से ख़ुशी मिलती है, यह जितनी व्यक्तिगत रहें यही उत्तम है
बहुत अच्छी प्रस्तुति

Prakash Sah said...

सही बात...
सार्थक रचना।