Sunday, November 1, 2020

तेरा मेरा काम रहे

तेरा मेरा काम रहे 

ट्रम्प हो, बाईडेन हो, 

कोई भी नाम रहे


सर्दी की शाम हो या, 

जून का सवेरा हो

सब गवारा है मुझे, 

काम बस मेरा हो

अच्छा हो पक्का हो, 

मिलता सही दाम रहे


कोई वादा ना करें, 

कभी खाए न क़सम,

जब कहें बस ये कहें, 

हार के झगड़ेंगे न हम

सब के होंठों पे, 

ख़ुशियों का जाम रहे


बीच हम दोनों के, 

कोई दीवार न हो

हम दोनों में से

कोई बेकार न हो

प्यार की प्रीत की 

यूँ ही सुबह-ओ-शाम रहे


(रवीन्द्र जैन से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 30 अक्टूबर 2020 । सिएटल 


https://youtu.be/84dkL4EcTHg 


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