हाथ में लड्डू सजे, मुख पे उजाला
पाँव थिरक रहें, करें नाच गाना
हुई जीत इनकी और अब ये ख़ुश हैं
हर तरफ़ खिले ख़ुशियों के पुष्प हैं
आओ रे आओ सब मिल के गाओ
बाईडेन जीता और हैरिस न हारी
एन-आर-आई की निकली लॉटरी
एन-आर-आई की क़िस्मत है न्यारी
एक तरफ़ कमल, एक तरफ़ कमला
बीच में गुगल के पालनहारी
देर से सही पर क़बूल तो हुई हैं
अर्जी दुखियों की क़बूल तो हुई हैं
इस बार देखो ग्रीन कार्ड मिलेगा
कोई भी अब न आईस से डरेगा
ख़ुश बड़े हैं जो भी खड़े हैं
एच-वन के प्यासे सब नर-नारी
चार बरस था अंधकार छाया
माता पिता का दर्द बढ़ाया
मुश्किल था पाना एच-वन का वीसा
मन्दिर गए गाई कई बार चालीसा
तब-तब ये गाए, तब-तब ये गाए
जब-जब हुई आर-एफ-ई की मारामारी
(आनन्द बक्षी से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 8 नवम्बर 2020 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment