Thursday, November 3, 2022

बेबी मेरा मेरे घर जब आएगा

घर-आँगन मेरा 

लहराएगा 

बरसों से माँगा जिसे

घर आएगा 

बेबी मेरा मेरे घर

जब आएगा

ख़ुशियों से घर मेरा 

भर जाएगा 


आज जहाँ भी देखूँ

उसका नज़ारा है 

जग सारा, सारा-सारा

उससे ही प्यारा है

आते-जाते मौसमों को

मैं ना देखूँ

मेरे इस मन में तो बस 

एक ही वो तारा है 

आएगा जो बेबी मेरा

सपने वो लाएगा

सुर भरी लोरियों से

घर गुनगुनाएगा


कल भी यहाँ पे होंगे 

चाँद और तारे

धरती-अम्बर भी होंगे

उतने ही प्यारे

एक वो होगा बस 

जिसे हम सँवारे 

एक वो होगा बस

जिसे हम पुकारे

आगे-पीछे उसके मेरे

दिन जब जाएगा 

माँ हूँ मैं उसकी

जग को बताएगा


राहुल उपाध्याय । 3 नवम्बर 2022 । सिएटल 










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