Friday, November 25, 2022

जला लिया है दीपक जो तुमने

जला लिया है दीपक जो तुमने

सदा रहेगा यौवन तुम्हारा 

नहीं होगी मुश्किल जरा भी 

नमन करेगा तुमको ज़माना 

बेतहाशा तन्हाई क्यूँ रहेगी

जब रोशन सारा ज़माना 


न हार होगी दिल की 

न सफ़र लगेगा बोझिल 

अगर तुम्हारे दिल में 

सजेगी रोज़ महफ़िल 

है दवा क्या, है दुआ क्या

सब दिल का ही तो है सपन सुहाना 


जहाँ भी पाओ बेबस

तुम उसे सहारा देना

सहारा तुमसे लेकर

वो सहारा तुमको देगा

जो दिया है, वो मिला है 

बात तुम इतनी सी बस गले लगाना


राहुल उपाध्याय । 25 नवम्बर 2022 । सिएटल 


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