जला लिया है दीपक जो तुमने
सदा रहेगा यौवन तुम्हारा
नहीं होगी मुश्किल जरा भी
नमन करेगा तुमको ज़माना
बेतहाशा तन्हाई क्यूँ रहेगी
जब रोशन सारा ज़माना
न हार होगी दिल की
न सफ़र लगेगा बोझिल
अगर तुम्हारे दिल में
सजेगी रोज़ महफ़िल
है दवा क्या, है दुआ क्या
सब दिल का ही तो है सपन सुहाना
जहाँ भी पाओ बेबस
तुम उसे सहारा देना
सहारा तुमसे लेकर
वो सहारा तुमको देगा
जो दिया है, वो मिला है
बात तुम इतनी सी बस गले लगाना
राहुल उपाध्याय । 25 नवम्बर 2022 । सिएटल
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