Tuesday, November 15, 2022

बहुत कर चुका

बहुत कर चुका 

बड़ी चोट खा ली

अब और मुझसे 

प्यार न होगा 

क़सम खा ली है 

आँख न मिलेगी 

के मर के भी मुझसे

प्यार न होगा 


निगाहें बचा के

चलूँ मैं चमन में

हैं काँटे ही काँटे 

मेरे आज मन में 

ये तय कर लिया है 

अभी आज मैंने

के इस बार किसी से

खाऊँ न धोखा 


ज़हर तो पिया था 

बहुत यार मैंने 

मिला वो सिला के

किया ख़ार मैंने

वो यादें पुरानी 

हैं इतनी ताज़ी

के दूँगा न अब मैं

किसी को भी मौका 


ख़ुदा आ के मुझसे

नज़र जो मिलाए

या जा के कह दूँ 

अगर वो बुलाए

के ख़ुदा जाने कैसी

है माया ये तेरी

के पा के किसी को

बहुत कुछ है खोया


राहुल उपाध्याय । 15 नवम्बर 2022 । सिएटल 



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