चाँदनी रात में
चाँद के सामने
सर झुकाना पड़ा
तो मज़ा आ गया
चलते-चलते मेरे
पाँव थकने लगे
यार मिल जो गया
तो मज़ा आ गया
जोश ही जोश में
इश्क़ की मौज में
वो जो दरिया हुआ
तो मज़ा आ गया
आप ही आप में
खोए रहते थे हम
मिल गया दूसरा
तो मज़ा आ गया
आग में आग दे
मिटी सारी अगन
इश्क़ बरपा हुआ
तो मज़ा आ गया
राहुल उपाध्याय । 7 नवम्बर 2022 । सिएटल
1 comments:
मज़ा आ गया...!!!
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