Monday, November 7, 2022

मज़ा आ गया

चाँदनी रात में

चाँद के सामने

सर झुकाना पड़ा 

तो मज़ा आ गया 


चलते-चलते मेरे

पाँव थकने लगे

यार मिल जो गया

तो मज़ा आ गया 


जोश ही जोश में 

इश्क़ की मौज में

वो जो दरिया हुआ 

तो मज़ा आ गया 


आप ही आप में

खोए रहते थे हम

मिल गया दूसरा

तो मज़ा आ गया 


आग में आग दे

मिटी सारी अगन

इश्क़ बरपा हुआ

तो मज़ा आ गया 


राहुल उपाध्याय । 7 नवम्बर 2022 । सिएटल 







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1 comments:

Prakash Sah said...

मज़ा आ गया...!!!