Saturday, August 10, 2024

हर विषय पर मत होना ज़रूरी नहीं

हर विषय पर मत होना ज़रूरी नहीं 

हर प्रश्न का उत्तर हो यह ज़रूरी नहीं 


कभी बौखला जाओ तो बौखला जाओ

हर बात पे हाज़िर-जवाबी ज़रूरी नहीं 


कभी गिर जाओ और उठ न पाओ और

कोई और उठा दे तो कुछ ग़लत भी नहीं 


हों करने को कई सारे काम पड़े और

दो-चार छूट भी जाए तो कुछ ग़लत भी नहीं 


ये कविता है या बे-सर-पैर की बातें 

मैं सोचूँ इतना मेरी फ़ितरत ही नहीं


राहुल उपाध्याय । 11 अगस्त 2024 । साल्ज़बर्ग (ऑस्ट्रिया)







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