उसे काली बरसती घटाओं से उतारा गया
गरजते बरसते झरनों से चुराया गया
उसके लिए खाक छानी खानों की
उससे बसती है बस्ती इंसानों की
न चैन मिलता है न नींद आती है
जब जब वो मुझसे दूर चली जाती है
गोया मेरी महबूबा वो हो नहीं सकती
बेगम की दुनिया भी उसी से है चलती
नहीं है वो कोई नौकरानी या झाड़ू पौछा लगाने वाली
वो है सबसे शक्तिशाली, झटके दे दे कर भगाने वाली
और फिर कभी इतनी सीधी कि इशारों पर चलने वाली
और कभी इतनी चंचल कि हाथ तक न आने वाली
दौलत की नहीं है भूखी फिर भी रोज ही है बिकती
है बहुत बेवफ़ा, किसी के साथ नहीं है टिकती
रोशन है आप, आबाद है आप
उसके बिना बिलकुल बर्बाद है आप
रहते नहीं इसमें बिच्छू और साँप
उसका बिल भरते हैं हम और आप
कार नहीं तो बेकार है आप
बस नहीं तो बेबस है आप
और अगर ये भी नहीं तो बेबी जली हैं आप
[इस पहेली का हल अंतिम पंक्ति में छुपा हुआ है। ध्यान से देखे तो साफ़ नज़र आ जाएगा। उदाहरण के तौर पर देखे 'पहेली 1'
आप चाहे तो इसका हल comments द्वारा यहां लिख दे। या फिर मुझे email कर दे इस पते पर - upadhyaya@yahoo.com ]
Saturday, February 9, 2008
पहेली 4
Posted by Rahul Upadhyaya at 10:40 AM
आपका क्या कहना है??
3 पाठकों ने टिप्पणी देने के लिए यहां क्लिक किया है। आप भी टिप्पणी दें।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
Nahin hai to SRK isko banane mein aapki help kar sakte hain.
bijali
Bijali
Post a Comment