Friday, February 15, 2008

मेरे मैनेजर


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

मेरे मैनेजर तू मेरी qualifications को तरसे
मुझे कम देने वाले तू fractions को तरसे

तू बाग बने पतझड़ का, तूझपे फूल न खिले कभी
तू तड़पे मेरी तरह, तुझको promotion न मिले कभी
सड़े तू इस तरह कि recognition को तरसे
मेरे मैनेजर तू मेरी ...

तेरे घर से वीरां कोई वीराना न हो
तू भटके उम्र भर तेरा कोई ठिकाना न हो
तू green card तो क्या H-1 को तरसे
मेरे मैनेजर तू मेरी …

तेरे options एसे डूबे उनका कोई दाम न हो
तेरे group के पास कोई billable काम न हो
तू funds तो क्या donations को तरसे
मेरे मैनेजर तू मेरी …

तू minimum wage पर
Taco, burrito, burger बेंचे
तू vacuum cleaner,
Filter, subscriptions घर घर बेंचे
कोल्हू के बैल की तरह vacation को तरसे
मेरे मैनेजर तू मेरी …

(आनंद बक्षी से क्षमायाचना सहित)

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1 comments:

रिपुदमन पचौरी said...

बहुत energy है भाई तुम में ....
:)