देस में बस ले कर हर जगह
आराम से चले हम जाते थे
पर मन ही मन में
कार के ख्वाब जरुर सजाते थे
परदेस में बस जाने के बाद
हम हो तो यहीं के जाते हैं
पर घर होते हुए भी
पर-घर मान के इसको
अपने घर जाने के
सपने संजोते जाते हैं
आकांक्षाओं पर तो
किसी का बस चलता नहीं
अगर चलता होता तो
कोई घर से निकलता नहीं
परदेस में रहते हैं फिर भी
बस देसी ही कहलाए जाते हैं
अपना तो लेते है विदेश को
पर इसे परदेस ही कहते जाते हैं
"बस! भैया बस!
अब हमें दो बख्श"
सुन ली है मैंने आपकी पुकार
सो बंद करता हूं मैं ये बस पुराण
इससे पहले कि आप कोई छोड़ें बाण
सिएटल,
14 फ़रवरी 2008
=========================
Glossary:
बस = 1. bus 2. settle down 3.control 4.That is all 5.enough
Thursday, February 14, 2008
बस, बस, बस, बस और बस
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment