Wednesday, June 11, 2008

पहेली 22

मैं हूँ, मंडप है, और तुम्हारी मांग में XXX है
हे प्रिये, कुछ तो समझाओ क्यूँ ये सुहाना XXX है


इस पहेली की पहली पंक्ति के अंतिम शब्द को खोजे, और उस शब्द के दो टुकड़े ऐसे करे कि वे दूसरी पंक्ति के अंतिम शब्द बन जाए।

या फ़िर दूसरी पंक्ति के अंतिम शब्द को खोजे, और उस शब्द के दो टुकड़े ऐसे करे कि वे पहली पंक्ति के अंतिम शब्द बन जाए।

ध्यान रहे कि शब्द हिंग्लिश (Hinglish) भी हो सकते हैं। छोटी-बड़ी मात्रा के भेद पर गौर न करें।

सहायता के लिए ये पाँच उदाहरण देखें। उदाहरण में हर हल का पहला शब्द तीन अक्षर का है। लेकिन यह मात्र संयोग है। इस पहेली का यह नियम नहीं है। और कितने X हैं, यह अक्षरों की संख्या का संकेत भी नहीं है।

उदाहरण:
1 -
जब तक देखा नहीं XXXXXX
अपनी खामियाँ नज़र XXX XXX

हल - आईना, आई ना

जब तक देखा नहीं आईना
अपनी खामियाँ नज़र आई ना

2 -
हे हनुमान, राम, XXXXXX
रक्षा करो मेरी XXX XXX

हल - जानकी, जान की

हे हनुमान, राम, जानकी
रक्षा करो मेरी जान की

3 -
पूरी करो मेरी XXXXXX
खुले लॉटरी करूँ XXX XXX

हल - कामना, काम ना

पूरी करो मेरी कामना
खुले लॉटरी करूँ काम ना

4 -
जिन्होने भी मिलियंस XXXXXX हैं
मुसीबतों में नज़र XXX XXX हैं

हल - कमाए, कम आए

जिन्होने भी मिलियंस कमाए हैं
मुसीबतों में नज़र कम आए हैं

5 -
भूखे हैं तेरे XXXXXX
भूखों को तू XXX XXX

हल - बंदे, 'बन' दे

भूखे हैं तेरे बंदे
भूखों को तू 'बन' दे

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1 comments:

kavitaprayas said...

मैं हूँ, मंडप है, और तुम्हारी मांग में सिन्दूर है
हे प्रिये, कुछ तो समझाओ क्यूँ ये सुहाना सीन दूर है