जनता तेरी हिम्मत तक-तक
छाती फूली जाए
तुझसे ही है देश की शक्ति
तू ही मान बढ़ाए
दुख हज़ारों सर पे लेकिन
हार न कोई मानी
बादल बरसे,पत्थर फिसले
हार किसी से न मानी
नित-नित करती मेहनत इतनी
कभी न रोती हाए
जब-जब आया कोई संकट
कमर कसी है तूने
जब-जब कोई नेता बदला
बदल दी सत्ता तूने
कभी किसी को तू न बख्शे
सबको सबक़ सिखाए
बच्चे तेरे बाहर जाए
जाने तू है देती
वापस 'गर वो लौट भी आए
गले लगा भी लेती
दिल समंदर से है गहरा
सबको लेत समाए
राहुल उपाध्याय । 21 जनवरी 2022 । सिएटल
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सुन्दर
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