आजकल का फ़ैशन है बातें बनाना
इधर-उधर की बातों से धाक जमाना
अच्छी-अच्छी बातों का ढेरों है ख़ज़ाना
सुबह-शाम रात-दिन भेजें वो दीवाना
जान नहीं वो पाता है ये है पकाना
गली-गली गाँव-गाँव उसको है पहुँचाना
आगरे का ताजमहल है मंदिर पुराना
ख़ुद के घर का हुलिया भी जिसने न जाना
रंग बिरंगी तस्वीरों से नमस्कार बुलवाना
फटी-पुरानी तस्वीरों का इतिहास बताना
गुलज़ार और ग़ालिब का भर्ता बनाना
राहुल उपाध्याय । 1 मार्च 2022 । सिएटल
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