कुल मिलाकर हम ये समझे
आदमी क्या चीज़ है
फ़िक्र कहते हैं किसे और
चाह भी क्या चीज़ है
आग से आगे कभी
बढ़ न पाया आदमी
आग पे रोटी भी सेंके
आग से दे आग भी
आग ही सब-कुछ यहाँ है
शांति क्या चीज़ है
चार आँसू भी कोई
दे बहा तो मान लें
प्यार करता है कोई
सबको अपना मान के
हमने तो बस ये है देखा
ख़ाल भी क्या चीज़ है
हाथ ले हाथों में कोई
चार कदम वो साथ चले
है कोई ऐसा यहाँ जो
गिरते को भी थाम ले
हर कोई बिकता यहाँ है
लोभ भी क्या चीज़ है
राहुल उपाध्याय । 10 मार्च 2022 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment