आप को बंदों ने समझा राज के काबिल उन्हें
हो गया पंजाब महरबां, मिल गई मंज़िल उन्हें
जी उन्हें मंज़ूर है आपका ये फ़ैसला
कह रही है हर नज़र बंदा-परवर शुकरिया
दो जहाँ की आज खुशियाँ हो गईं हासिल उन्हें
आपकी मंज़िल है वो उनकी मंज़िल आप हैं
क्यूँ वे मोदी से डरें जनता सारी साथ है
कोई भाजपा से कह दे, मिल गया साहिल उन्हें
पड़ गई सब पर भारी आप की परछाइयाँ
हर तरफ़ बजने लगीं सैकड़ों शहनाइयाँ
हँसके अपनी ज़िंदगी में कर लिया शामिल उन्हें
(राजा मेहदी अली खान से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 10 मार्च 2022 । सिएटल

0 comments:
Post a Comment