मेरा जन्मदिन ऐसा है कि
तुम भुलाए न भूल पाओगी
और विश नहीं किया
तो अपने ही विष में घुल जाओगी
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मेरी कविता फाड़ देना
जलाना मत
जिस भी हर्फ को तुम छुओगी
तुम्हें दुआ देगा
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मैं तुम्हारा हूँ
और तुम्हारा ही रहूँगा
जिसे तुमने छोड़ दिया वह तो एक साया है
मैं दिल में गाँठ बन साथ रहूँगा
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अच्छा हुआ
हम साथ नहीं है
साथ न होने से ही
प्रेम जीवित है
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सच कहता हूँ
मैं झूठ भी अच्छा बोल लेता हूँ
तुम्हें खोने का कोई ग़म नहीं
सारा दोष मैं अपने सर लेता हूँ
राहुल उपाध्याय । 25 मार्च 2022 । सिएटल
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