हम
चाँद पर चढ़े थे या उतरे थे
इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है
मुझे तो मेरे चाँद से गले मिलना है
धरती के चंगुल से निकलने की
इस्केप वेलोसिटी चाहे जो भी हो
मुझे मेरे अहं के दायरे से निकलने में
वक्त लगेगा
ईंधन लगेगा
जो कि
मेरे पास नहीं है
चाँद से मिलना, एक हो जाना
इतना आसान नहीं
मैं, मैं न रहूँ
यह मुझे स्वीकार नहीं
राहुल उपाध्याय । 9 मार्च 2022 । सिएटल
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