जीत गए हैं योगी
इनके गुणगान तुम गाओ
ये हैं उपयोगी
इनसे काम भी कराओ
कोई समझा कोई समझ न पाया
हार वालों का दिल भर आया
वो ना कभी सोचे-समझेंगे
क्या कुछ खोया क्या कुछ पाया
जा तन लागे वो तन जाने
ऐसी है इस योग की माया
उनकी इस हालत पे
तरस तुम खाओ
सोच रहा हूँ तब क्या होता
मंदिर का निर्माण न होता
काशी का उद्धार न होता
कोरोना का इलाज न होता
होने को कुछ भी होता पर
जीत का उल्लास न होता
मेरे इन ख़यालों में
तुम भी डूब जाओ
यारो है ये हिम्मत वाला
सगरे जग का ये भ्राता है
सुख-दुख का इसे होश नहीं है
अपनी लौ में रम जाता है
हर पल सब का हित सोचता है
हर पल जग को ही देता है
ये योगी जालसाज़ नहीं,
इसकी महिमा तुम गाओ
यूपी का नाम तुम बढ़ाओ
और देश-समाज का
नाम तुम बढ़ाओ
कुछ विकास भी कराओ
(संतोष आनंद से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 10 मार्च 2022 । सिएटल
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