Saturday, March 19, 2022

कभी पाप न इसे कहना

डरते-डरते भला है क्यूँ प्यार करना

कभी पाप न इसे कहना

लड़ते-मरते बस यूँही तुम प्यार से प्यार करना

कभी पाप न इसे कहना


प्यार करते-करते हम-तुम कहीं खो जाएँगे 

इसी ज़माने की आँखों के काँटे हो जाएँगे 

झगड़ों से, लफड़ों से तुम दूरी बनाते रहना

कभी पाप न इसे कहना


जी-जान से दिलबर जुट जाए जो हम अगर

बवाल नहीं कोई जिसे कर दें हम बे-असर

अश्कों को, आहों को तुम यूँही मिटाते रहना

कभी पाप न इसे कहना


राहुल उपाध्याय । 18 मार्च 2022 । पोर्टलैंड 

https://youtu.be/Mmb9oZYQu_8





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