हर तरफ़ अब यही अफ़साने हैं
रामपाल जैसे कई स्वामी पकड़वाने हैं
कितनी चतुराई है इन बाबाओं में
पढ़े-लिखे भी लट्टू हो जाए
लाखों-करोड़ों का धन दे-दे के
सोने-चाँदी के महल बनवाए
आश्रम कहलाए जहाँ ऐ-सी पाखाने हैं
नित्यानंद, निर्मल हो या हो रोमपद स्वामी कोई
नेक नहीं लगते इनके इरादे हैं
जब-जब भीड़-भाड़ इकट्ठा करते हैं
धन जोड़ने के हथकण्डे अपनाते हैं
रास्ते बाबाओं के अब जाने हैं
इक धक्का सा लगा है भक्तों को
जैसे-जैसे सच सामने आए हैं
जिनको सद्गुरू समझा था इनने
धर्म के सौदागर नज़र आए हैं
अधर्मियों को अब सबक़ सिखलाने हैं
रामपाल जैसे कई स्वामी पकड़वाने हैं
कितनी चतुराई है इन बाबाओं में
पढ़े-लिखे भी लट्टू हो जाए
लाखों-करोड़ों का धन दे-दे के
सोने-चाँदी के महल बनवाए
आश्रम कहलाए जहाँ ऐ-सी पाखाने हैं
नित्यानंद, निर्मल हो या हो रोमपद स्वामी कोई
नेक नहीं लगते इनके इरादे हैं
जब-जब भीड़-भाड़ इकट्ठा करते हैं
धन जोड़ने के हथकण्डे अपनाते हैं
रास्ते बाबाओं के अब जाने हैं
इक धक्का सा लगा है भक्तों को
जैसे-जैसे सच सामने आए हैं
जिनको सद्गुरू समझा था इनने
धर्म के सौदागर नज़र आए हैं
अधर्मियों को अब सबक़ सिखलाने हैं
(कैफ़ी आज़मी से क्षमायाचना सहित)
22 नवम्बर 2014
सिएटल । 513-341-6798
1 comments:
मुझे लगता है बिना proof के किसी स्वामी पर इल्ज़ाम लगाना ठीक नहीं है। कुछ links किसी की opinion हो सकते हैं - हर अच्छे इंसान के भी detractors होते हैं। किसी स्वामी, बाबा , महाराज को ऊंचा बनाने में followers responsible होते हैं। जब तक लोगों में यह विश्वास रहेगा कि एक मनुष्य चमत्कारी शक्ति से उनका फायदा कर सकता है, नए महाराज बनते रहेंगे। गुरु का काम हमें spirituality और भगवान के रास्ते पर encourage करना है , भगवान की replacement बनना नहीं है। अगर followers स्वामी को भगवान मानेंगे तो इस तरह की बातें सुनने में आती रहेंगी।
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