चरणों में तेरे है माथ मेरा
कर रखके उद्धार कर नाथ मेरा
मैं हूँ पापी, मुझमें हैं अवगुण
कर रखके उत्थान कर नाथ मेरा
मैं हूँ दुखी, क्लेश में लथपथ
कर रखके संताप हर नाथ मेरा
मैं हूँ भिखारी, माँगू मैं पल-पल
कर रखके कल्याण कर नाथ मेरा
मैं हूँ दोषी, दोषी तुम्हारा
कर रखके इंसाफ़ कर नाथ मेरा
25 अगस्त 2016
सिएटल | 425-445-0827
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