Wednesday, July 5, 2023

तिनका

तिनका

सहारा भी है 

तो बोझ भी


और मज़े की बात यह कि

एक हो तो सहारा

ज़्यादा हो तो बोझ


बिचारे ऊँट की पीठ ही तोड़ देता है


सहारा बनो

तो सोच समझकर

थोड़ी दूरी रखकर

सीड़ी की तरह

स्टूल की टांगों की तरह

गाड़ी के पहियों की तरह


——


रंगीन शर्ट पर

काले काजल के निशान

किसी ख़ुशनसीब को ही नसीब होते हैं


जब मन्नत पूरी हो जाती है

आँसू छलक ही जाते हैं


——

इरादे नेक थे

या बुरे?

फ़ैसला हो न सका


हवा चली

और दिया बुझा नहीं 


हवा ने दरियादिली दिखाई किसी 

मासूम पे

या

वादाखिलाफी की

अपने धर्म से?


ज्योत के बल की कौन बात करता है?


राहुल उपाध्याय । 6 जुलाई 2023 । बारामती 

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