Thursday, July 6, 2023

हमने जग में काम किया है जितना

हमने जग में काम किया है जितना

कौन करेगा इतना


सुबह-शाम रट 

एक लगाए

दफ़्तर जाए, कोल्हू चलाए

दफ़्तर जाए, 

कोल्हू चलाए

नोट कुछ तो कमाए

चाँद-सूरज को 

एक ही समझा

घिसते रहे हम इतना


घर भी छोड़ा

देश भी छोड़ा

छोड़ दिया जग सारा

दिल भी तोड़ा 

पी का अपना

सुख न कोई पाया

करते-करते 

आज ये सोचें 

क्यूँ था हमको बिकना


हाथों में है 

आज न कुछ भी

कल भी कुछ न होगा

जितना पाया

साथ नहीं है

कल भी कुछ न होगा

झोली हमारी

ख़ाली-ख़ाली 

भरते रहे हम जितना


राहुल उपाध्याय । 6 जुलाई 2023 । बदामी 

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