Friday, November 24, 2023

मैं साठ का हो गया हूँ

आज पहली बार

दीवार से पीठ लगाकर

जीन्स पहनी

तब जा के समझ में आया कि 

मैं साठ का हो गया हूँ 


आज सूटकेस लेकर

सीड़ियाँ उतरते वक्त 

दूसरे हाथ से

रेलिंग पकड़ रहा था 

तब जा के समझ में आया कि 

मैं साठ का हो गया हूँ 


आज दाड़ी बनाते वक्त 

लगा कि बाल कुछ 

कम उग रहे हैं 

तब जा के समझ में आया कि 

मैं साठ का हो गया हूँ 


ख़ुशी इस बात की है कि मैं

आज भी जीन्स पहन रहा हूँ 

अपना सामान ख़ुद उठा रहा हूँ 

अपनी दाड़ी अपनेआप बना रहा हूँ 


राहुल उपाध्याय । 25 नवम्बर 2023 । दिल्ली 






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1 comments:

Anu Garg said...

Especially liked the last stanza. Happy Birthday!