Saturday, February 9, 2008

पहेली 6


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

एक है नाम दो हैं रुप
जल्दी बतलाओ क्यूं हो चुप
सवाल सीधा सादा है
कभी नर तो कभी मादा है
नर ही सब को प्यारा है
बूझो किधर इशारा है

नर को सबने हँसते-हँसते गले लगाया है
मादा जिसके हाथ आई, मातम गीत ही गाया है

नर मिले तो मिला पुरुस्कार
मादा मिले तो हुआ तिरस्कार

क्या शादी और क्या है प्यार
जहाँ न हो इसकी बहार
[इस पहेली का हल अंतिम पंक्ति में छुपा हुआ है। ध्यान से देखे तो साफ़ नज़र आ जाएगा। उदाहरण के तौर पर देखे 'पहेली 1'
आप चाहे तो इसका हल comments द्वारा यहां लिख दे। या फिर मुझे email कर दे इस पते पर - upadhyaya@yahoo.com
]

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2 comments:

Anonymous said...

haar

Anonymous said...

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