Monday, June 30, 2008

प्रश्न बने रहते हैं

समय बदलता रहता है और प्रश्न तने रहते हैं
हज़ारों पैगम्बरों के बाद भी प्रश्न बने रहते हैं

लाख प्रेम का पाठ पढ़ाईयें
लाख भाईचारे के नारे लगाईयें
फिर भी चिरकाल
से आज तक
केन-एबल दुश्मन बने रहते हैं
समय बदलता …

हज़ार बार चाहे कृष्ण आए
हज़ार बार चाहे गीता समझाए
फिर भी अर्जुन पहले की तरह
रणभूमि में खिन्न बने रहते हैं
समय बदलता …

बुद्ध ने सब को राह दिखलाई
दु:ख की सब को जड़ बतलाई
फिर भी मोह माया के
रिश्तों आदि के बंधन बने रहते हैं
समय बदलता …


सिएटल,
30 जून 2008
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केन-एबल = Cain and Abel

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1 comments:

Udan Tashtari said...

समय बदलता रहता है और प्रश्न तने रहते हैं---यथार्थ... बहुत उम्दा.