Saturday, July 11, 2020

देश से हमको बिछड़े हुए

सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें:

https://tinyurl.com/RahulParodies


देश से हमको बिछड़े हुए

एक ज़माना बीत गया

अपना मुकद्दर बिगड़े हुए

एक ज़माना बीत गया


देश में पढ़ के इन आँखों ने 

कितने ख्वाब सजाए थे

जिस गुलशन में हमने मिलके 

गीत वफ़ा के गाए थे

उस गुलशन को उजड़े हुए

एक ज़माना बीत गया


किस्मत हमको ले आयी 

है अपनों से बेगानों में

वापस कैसे जाए अब 

उन अपनों की बाँहों में

जिन को पराया कहते हुए

एक ज़माना बीत गया


(गुलशन बावरा से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 10 जुलाई 2020 । सिएटल


इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: