Thursday, July 9, 2020

मार दिया जाए

मार दिया जाए

या क़ानून के हवाले कर दिया जाए

बोल तेरे साथ 

क्या सलूक किया जाए

यह सवाल सुनना हो

तो किसी और मुल्क जाया जाए


निजीकरण के युग में 

सब कुछ निजी है


कैसे किसी ख़ूँख़ार हत्यारे के प्रति

सहानुभूति जगाई जाए

इसका पाठ पढ़ना हो

तो आज का अख़बार ज़रूर पढ़ें


क़ानून के हाथ अवश्य लम्बे हैं

लेकिन

या तो फ़्यूज़ बहुत ही छोटा है

या फिर हथकड़ी बहुत कमज़ोर


राहुल उपाध्याय । 9 जुलाई 2020 । सिएटल


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