मेरे
अंतस्थल में
कविता
नेगेटिव थी
गहरी
काली थी
पाठकों के
अंतस्थल में
घुसी
घुली
और रंगीन फ़ोटो बन गई
राहुल उपाध्याय । 29 जुलाई 2020 । सिएटल
मेरे
अंतस्थल में
कविता
नेगेटिव थी
गहरी
काली थी
पाठकों के
अंतस्थल में
घुसी
घुली
और रंगीन फ़ोटो बन गई
राहुल उपाध्याय । 29 जुलाई 2020 । सिएटल
Posted by Rahul Upadhyaya at 6:58 PM
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Labels: world of poetry
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