Monday, July 27, 2020

हर एक मास्क फले

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हर एक मास्क फले
महामारी भाग चले
फिर से हो जग में 
वैसी ही सुबहें 
वैसी ही शाम ढले

घरों से प्राणी
सड़कों पे निकले
होके वो मस्त चलें

मुरझाते बच्चे
हर्षाए फिर से
खेलें वो मिल के गले

दुनिया में सब की
अच्छी हो ज़िन्दगी 
कोई न ग़म में पलें

(साहिर से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 26 जुलाई 2020 । सिएटल

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