Tuesday, July 14, 2020

होटल में क़ैद

ग़नीमत है 

लोग

घरों में आज भी आज़ाद हैं

और होटलों में क़ैद 


जो खुद स्वतंत्र नहीं हैं

यह तय करने के लिए

कि वे किसके साथ हैं 

वे जनता का साथ क्या देंगे


मैं तो कहता हूँ 

कि एक क़ानून बनना चाहिए 

संविधान में संशोधन होना चाहिए 

कि

जिस शहर में आपका घर हो

वहाँ आप होटल में न रह सके 


इससे 

दो बातें होंगी

एक तो लोग 

ज़बरदस्ती 

खूँटे से बंधने से बच जाएँगे 

और 

दूसरा 

अवैध सम्बंध कम स्थापित होंगे 


राहुल उपाध्याय । 13 जुलाई 2020 । सिएटल 


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