Monday, July 6, 2020

प्रार्थना

क्या प्रार्थना से कभी किसी का हुआ भला है?


पिछले साल भी सावन आया था

और सावन सोमवार भी

क्या तब प्रार्थना करना भूल गए थे?

या वह सुनी नहीं गई?

तो क्या वे इस बार सुन लेंगे?

क्या कोरोना उनकी आँखों में धूल झोंक कर आ गया?

या उन्होंने ही भेजा?


जब वहीं सब यह कर रहे हैं

तो उन्हें कहने की ज़रूरत ही क्या है?


और यह किसी ख़ास दिन पर

किसी ख़ास को बोलना 

कितना हास्यास्पद है

आज शिव से कह दो

एकाध महीने बाद कृष्ण से कहना

कभी गणेश 

कभी देवी

कभी राम


किसी एक पर भरोसा नहीं है क्या?

जो सबके यहाँ अर्ज़ी लगाते रहते हो


लगता है

फ़ेयर एण्ड लवली वाला मामला है

सबको मालूम है हक़ीक़त क्या है

पर लगाने में हर्ज ही क्या है?


राहुल उपाध्याय । 6 जुलाई 2020 । सिएटल


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