Sunday, July 5, 2020

गुरू बना है मीडियम

गुरू बना है मीडियम

या मीडियम हुआ गुरू है

कहना बहुत है मुश्किल 

ये बढ़त है या हुआ है घाटा


'गर ये बढ़त है

तो सामने है मोटापा

और यदि है ये घाटा

तो किस काम का है घाटा


हमने बनाई हैं जितनी

सूरत अपने दिल की

हर सूरत में आए हमको

नज़र घाटा ही है ज़्यादा 


पड़ें जब ग़मों के छालें

हुए फ़ौत मिटने वाले

न आए गुरू कहीं भी

करने को ग़म को आधा


कोई गुरू का खेल देखे

के सुन ले उनकी बातें 

वो क़दम क़दम पे जीते

मैं क़दम-क़दम पे हारा


(शकील बदायूनी से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 5 जुलाई 2020 । सिएटल

फ़ौत = मृत, नष्ट 



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