Friday, September 25, 2020

कवि ज़ूम ज़ूम करे

https://youtu.be/KLYpp3kliP0


कवि ज़ूम ज़ूम करे

तड़पाए

बक बक बक करे, 

सर खाए 

एक बात कभी अक्कल की 

कवित्त में नज़र न आए


तेरी झोली डारूँ, 

सब गाली हाथ जो आए

तेरे पीछे खोए 

जो घण्टे लौट के न वो आए


जिस धुन को चुना तूने 

उससे सर मैं धुनाऊँ

जिस घड़ी हाथ आया तेरे 

उसे कैसे भुलाऊँ 

और मेरा व्हाट्सेप,

तेरी पोस्ट से भर-भर जाए

ये ऐसी बीमारी, 

कि मैंने नेट लिए कटवाए


(गुलज़ार से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 25 सितम्बर 2020 । सिएटल 


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