Sunday, September 6, 2020

मत आ प्रिये

मत आ प्रिये कि फिर ये हसीं रात हो न हो

शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो


हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ ज़ूम पे

जी भर के देख लीजिये हमको दूर से

फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो


दूर रहिए वरना हम हो जाएँगे बीमार

बुखार में तड़प के हम रोए ज़ार-ज़ार

आँखों में फिर ये प्यार के जज़्बात हो न हो


(राजा मेहंदी अली खान से क्षमायाचना सहित)

राहुल उपाध्याय । 6 सितम्बर 2020 । सिएटल

https://youtu.be/JdLD3fCMVQA 


इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें