न आराम हराम है
न हराम ही हराम है
जिधर देखूँ नज़र में
मेरा-तेरा नाम है
टीवी पर, अख़बार में
संग्राम है, कोहराम है
जिधर देखूँ नज़र में
मेरा-तेरा नाम है
काव्य में, वाक्य में
अर्धविराम है, पूर्णविराम है
जिधर देखूँ नज़र में
मेरा-तेरा नाम है
कोई मिले तो राम-राम है
कोई मरे तो राम-नाम है
जिधर देखूँ नज़र में
मेरा-तेरा नाम है
सुबह है, शाम है
कोई भी मुक़ाम है
जिधर देखूँ नज़र में
मेरा-तेरा नाम है
राहुल उपाध्याय । 26 सितम्बर 2020 । सिएटल
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