मैं
तेरे देश
तेरे शहर
तेरे गाँव
आया हूँ
इतने पास होकर भी
तुझसे न मिल पाया हूँ
तू साथ न होकर भी साथ है
इस का सुख-दुख है मुझे
तेरे हाथ से लिखे ख़त का
हर्फ़-हर्फ़ याद है मुझे
हर प्यार
हर प्यार की गुहार
प्यार का इकरार
याद है मुझे
जीवन की हर उम्मीद
तेरी मुझसे
मेरी तुझसे
याद है मुझे
तेरे मल्टी यूएसबी एडॉप्टर से
मेरे दोनों फ़ोन
एन्ड्रायड और आय-फ़ोन
चार्ज हो रहे हैं
मैं तेरी याद से
चार्ज हो रहा हूँ
तेरी याद में
थक रहा हूँ
अजीब सा उन्माद है प्यार में
अब जा के कहीं साहिर के शब्द समझ पाया हूँ
ये इश्क़ इश्क़ है इश्क़ इश्क़
ख़ाक़ को बुत, और बुत को देवता करता है इश्क़
इन्तहा ये है के बंदे को ख़ुदा करता है इश्क़
हाँ इश्क़ इश्क़ तेरा इश्क़ इश्क़
तेरा इश्क़ इश्क़, इश्क़ इश्क़ …
राहुल उपाध्याय । 1 जुलाई 2022 । धामनोद
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